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कार्यकारी परिषद

  1. संस्‍थान की एक कार्यकारी परिषद होगी और इसमें निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे ;
    1. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, जो महापरिषद के अध्यक्ष भी है , कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष (चेयरमेन) होंगे । (कार्यालय आदेश सं. 578, तारीख 16 अक्तूबर, 2003 के अनुसार संशोधित)
    2. संस्थान के महानिदेशक ।
    3. संस्थान का कामकाज देखने वाले मीण विकास मंत्रालय / विभाग, भारत सरकार के सचिव (ग्रा. वि.), सचिव (डी. डब्लू. एस.) संयुक्त सचिव एवं वित्त सलाहकार ।
    4. संस्थान के अध्यक्ष द्वारा महापरिषद के सदस्यों में से पांच प्रख्यात व्यक्तियों को जिन्होंने ग्रामीण विकास पुनर्निमाण और संबंधित विषयों में महत्वपूर्ण योगदान किया है, नामित किया जाएगा |
    5. संस्थान के अध्यक्ष द्वारा महापरिषद के गैर सरकारी सदस्यों में दो सदस्य नामित किए जाएंगे |
    6. सचिव, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली या उसका नामिती जो भारत सरकार में संयुक्त सचिव से कम रैंक का नहीं हो | (कार्यालय आदेश सं. 944, तारीख 20 फरवरी,2003 के अनुसार संशोधित) परंतु संस्थान के अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, उप खण्ड (घ) और (ड.) में विनिर्दिष्ट सदस्यों का नामांकन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा |
  2. कार्यकारी परिषद के नामित सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा लेकिन वे पुर्ननियुक्ति के लिए पात्र होंगे यदि कार्यकारी परिषद का कोई सदस्य संस्थान का सदस्य बना नहीं रहता है तो उसकी कार्यकारी परिषद की सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती जाएगी,
  3. कार्यकारी परिषद कोई पद रिक्त होने पर भी और और किसी सदस्य की नियुक्ति या नामांकन में कोई त्रृटि के होते हुए भी कार्य करेगी और कार्यकारी परिषद के कार्य या कार्यवाही उसमें किसी रिक्त के होने या किसी सदस्य की नियुक्ति या नामांकन में कोई त्रृटि होने के कारण मात्र से अविधिमान्य या शून्य नहीं हो जाएगी |
  4. कार्यकारी परिषद के नामित सदस्यों में से किसी सदस्य की मृत्यु, त्यागपत्र अथवा किसी अन्य कारण से उत्पन्न होने वाली रिक्त को अध्यक्ष द्वारा या उसकी अनुपस्थिति में भारत सरकार द्वारा नामांकन करके भरा जा सकेगा और इस प्रकार नामित सदस्य उस सदस्य के, जिसके कारण रिक्त हुई है, शेष कार्यकाल के लिए पदभार संभालेगा ;
  5. कार्यकारी परिषद की बैठक की अध्यक्षता इसके अध्यक्ष या उसकी अनुपस्थिति में एन आई आर डी से संबंधित देखरेख करने वाले एम ओ एस (ग्रा. वि.) और जो महापरिषद के दो उपाध्यक्षों में से एक है बैठक की अध्यक्षता करेंगे |
    1. (क) केन्द्रीय मंत्री एवं राज्य मंत्री (ग्रा. वि.) दोनो की अनुपस्थिति में सचिव (आर डी) जो महापरिषद के दो उपाध्यक्षों में से एक है बैठक की अध्यक्षता करेंगे ; (कार्यालय आदेश सं. 578 तारीख 16 अक्टूम्बर, 2003 के अनुसार संशोधित)
  6. कार्यकारी परिषद के चार सदस्यों की उपस्थिति से कोरम पूरा हो जाएगा । स्थगित बैठक के लिए कोरम आवश्यक नहीं है ;
  7. कार्यकारी परिषद की प्रत्येक बैठक के लिए प्रत्येक सदस्य को कम से कम पन्द्रह स्पष्ट दिनों का नोटिस दिया जाएगा, परंतु अध्यक्ष, विशेष परिस्थितियों में कम अवधि के नोटिस पर बैठक बुला सकेगा ;
  8. प्रत्येक वर्ष कार्यकारी परिषद की कम से कम दो बैठक होंगी ;
  9. अंतिम उप-नियम के प्रयोजन के लिए, प्रत्येक वर्ष को अप्रैल की पहली तारीख से आरंभ और अगले कैलेण्डर वर्ष के मार्च की 31वीं समाप्त माना जाएगा ;
  10. कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष स्वयं किसी भी समय कार्यकारी परिषद की बैठक बुला सकेगा या उसके द्वारा हस्ताक्षरित लिखित रुप में मांग किए जाने पर महानिदेशक को कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाने केलिए किसी भी समय कह सकेगा ;
  11. कार्यकारी परिषद के प्रत्येक सदस्य का, जिसमें अध्यक्ष भी शामिल है, एक वाट होगा और कार्यकारी परिषद द्वारा निर्णय लिए जाने वाले किसी प्रश्न पर मत बराबर होने की स्थिति में, इसके अध्यक्ष और उसकी अनुपस्थिति में बैठक बुलाने की अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति का वोट निणार्यक वोट होगा ;
  12. कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष, सदस्य से भिन्न किसी व्यक्ति को कार्यकारी परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित कर सकेगा । परंतु, इस प्रकार आमंत्रित किए गए व्यक्ति को बैठक में वोट डालने का अधिकारी नहीं होगा ; और
  13. कोई कार्य जिसका निष्पादन करना कार्यकारी परिषद के लिए आवश्यक हो उसका निष्पादन इसके सभी सदस्यों के बीच दस्तावेजों का परिचालन करके किया जा सकेगा और इस प्रकार परिचालित और सदस्यों के बहुमत द्वारा अनुमोदित कोई संकल्प उतना ही प्रभावकारी और आबद्धकर होगा जैसे कि यह संकल्प के संबंध में अपने विचार दर्ज किए हुए हो ;

कार्यकारी परिषद के कार्य और शक्तियां

  1. i) महापरिषद के सामान्य नियंत्रण और निदेश के अध्याधीन, कार्यकारी परिषद संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाए गए इन नियमों और उप-विधियों के अनुसार संस्थान के कार्यों के प्रबंधन और प्रशासन के लिए उत्तरदायी होगा और उसके पास प्रशासनिक और वित्तीय सभी शक्तियां होगी जो इस प्रयोजन के लिए आवश्यक और समीचीन है ;
  2. ii) पूर्वगामी उप-नियम की व्यापकता पर न्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, कार्यकारी परिषद में निम्नलिखित शक्तियां और कार्य होंगे, अर्थात् ;
    1. (क) संस्थान के उद्देश्यों को बढ़ाने के लिए विस्तृत योजनाएं और कार्यक्रम तैयार करना और उनका निष्पादन करना ;
    2. (ख) संस्थान के कार्यों के प्रभावी प्रबंधन के लिए यथापेक्षित पदों का सृजन करना और उनका निष्पादन करना ;
    3. (ग) संस्थान के लिए निधि और धन प्राप्त करना, उसे संस्थान की अभिरक्षा रखना और उसके संबंध में आवश्यक कार्रवाई करना ;
    4. (घ) कोई चल या अचल संपत्ति खरीदना, किराए पर लेना, अदल-बदल करना या अन्यथा प्राप्त करना अथवा संस्थान की समस्त या कोई चल या अचल संपत्ति को बेचना किराए पर देना, बदला-बदली करना या अन्यथा हस्तांतरित करना या निपटाना परंतु अचल संपत्ति के हस्तातंरण से पहले भारत सरकार से इस संबंध में पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना पड़ता है ;
    5. (ङ) संविदाएं, सहयोग करार, सामान्य/विशेष लिखत सेवा करार, ऐसे करार जिनमें माध्यस्थम, खण्ड दिए गए हैं ; क्षतिपूर्ति बंध पत्र, विक्रय/पट्टा/लाइसेंस से संबंध में या से संबंधित विलेख, गिरवी अण्डमान या विधिक स्वरुप के किसी भी प्रकार के अन्य विलेख, मुख्तारनामा,निष्पादित करना, कोई अन्य विधिक अधिकार प्रवर्तित करना और विधिक अधिकार प्रवर्तित करना और विधिक व्यय उपगत करना बशर्तें कि इन शक्तियों का प्रयोग संस्थान की ओर से किया जाता हैं ;
    6. (च) संस्थान की ओर से बात चलाना और सभी विधिक कार्यवाहियों में प्रतिवाद करना ;
    7. (छ) संस्थान के किसी कार्य के निपटान के लिए या किसी मामले में सलाह के लिए सहयोजित करने की शक्ति सहित या उसके बिना समितियां नियुक्त करना, परंतु आपात मामलों में कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष को ऐसी समिति नियुक्त करने की शक्ति होगी ;
    8. (ज) किसी दान, न्यास, निधि का प्रबंधन, अंशदान या दान स्वीकार करना बशर्तें कि इसमें ऐसी कोई शर्त नहीं हो जो संस्थान के उद्देश्यों के असंगत या विरोध में नहीं हो ;
    9. (झ) संस्‍थान के बजट से संबंधित मामलों के संबंध में महापरिषद को सलाह देना ;
    10. (ञ) अनुमोदित बजट के उपबंधों के अध्यधीन व्यय उपगत करना बशर्तें कि जहां अध्यक्ष की राय में किसी मामले में तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता हो तो वह कार्यात्मकआवश्यकता और क्षमता की सीमा के अंतर्गत या आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यय के ऐसे उपगत को प्राधिकृत कर सकेगा जो बजट प्रावधानों में शामिल नहीं है परंतु इस संबंध में महापरिषद की की अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी और, जहां आवश्यक होगा, कार्योत्तर अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा ।
    11. (ट) छात्रवृत्तियों, अध्येतावृत्तियों, सहायता अनुदानों, अनुसंधान स्कीमों और परियोजनाओं को विनियमित करने के लिए अनुबंध एवं शर्तें निर्धारित करना ;
  3. कार्यकारी परिषद कार्य के संचालन के लिए अपनी ऐसी शक्तियों को जिन्हें यह उपयुक्त समझे, संकल्प के माध्यम से अपने अध्यक्ष, किसी स्थायी समिति या महानिदेशक या संस्थान के किसी अधिकारी को प्रत्यायोजित कर सकेगा, यदि इस शर्त के लिए आवश्यक समझा जाए तो इसके अध्यक्ष, स्थायी समिति या महानिदेशक या अन्य अधिकारी जिन्हें इस प्रकार की शक्तियां प्रत्यायोजित की गयी है, द्वारा की गयी कार्रवाई की कार्यकारी परिषद की अगली बैठक में पुष्टि की जाएगी |

संस्थान के कार्यकारी परिषद के संविधान पर ''एनआईआरडी, 1991 की नियमावली" के नियम x का संशोधन - के संबंध में

संस्थान के कार्यकारी परिषद के संविधान पर ''एनआईआरडी, 1991 की नियमावली" के नियम x का संशोधन - के संबंध में

महापरिषद में पदेन सदस्य के रुप में भारत सरकार, ग्रामीण विकास विभाग, अपर सचिव बनाने के लिए महापरिषद के संविधान पर एनआईआरडी, 1991 की नियमावली के नियम III का संशोधन / वृद्धि - के संबंद्ध में

महापरिषद के सदस्यों की सूचि


क्र. सं. वर्ग/ नियम विवरण क्र. सं. नियम के अनुसार वर्तमान पदाधिकारी के नाम
1 (अ) X (i) सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार 1 श्री जितेन्द्र शंकर माथुर, आईएएस सचिव ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि भवन, नई दिल्ली - 110001
2 X (i) (ब) सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार (अथवा एक नामित अपर सचिव के स्तर के नीचे ना हो) 1 श्री जितेन्द्र शंकर माथुर, आईएएस सचिव ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि भवन, नई दिल्ली - 110001
3 X (i) (स) सचिव, भूमि संसाधन (अथवा एक नामित अपर सचिव के स्तर के नीचे ना हो) 1 श्री विजय एस. मदन, आईएएस, सचिव, भूमि संसाधन विभाग, भारत सरकार, 12जी, निर्माण भवन, नर्इ दिल्ली -110001
4 X (i) (द) सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, (अथवा एक नामित संयुक्त सचिव के स्तर के नीचे न हो) 1 श्री परमेश्वरन आईयर सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय कमरा नं. 247, 'ए' विंग, निर्माण भवन नई दिल्ली-110001
5 X (i) (इ)महाराष्ट्र के सदस्यों में से संस्थान के अध्यक्ष द्वारा ग्रामीण विकास के क्षेत्रों से पांच प्रतिष्ठित व्यक्तियों को निर्वाचित किया जाता है | 1 रिक्त
6 2 रिक्त
7 3 रिक्त
8 4 रिक्त
9 5 रिक्त
10 X (i) (इ) महापरिषद के सदस्यों में से संस्थान के अध्यक्ष द्वारा दो गैर अधिकारिक सदस्यों को निर्वाचित किया जाता हैं | 1 रिक्त
11 2 रिक्त
12 संयुक्त सचिव, प्रशिक्षण के साथ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का लेन-देन 1 (श्री प्रमोद दास, आईएएस, संयुक्त सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग 3 तल, ब्लॉक - iv, पुराना जे एन यू कैम्पस, मेहरोली रोड, नई दिल्ली - 110067)
13 (i) (h) अपर सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय 1 श्री अमरजीत सिन्हा, आईएएस, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि भवन, नई दिल्ली -110001
14 X(i)(i) Financial Advisor, Ministry of Rural Development 1 Smt.Seema Bahuguna, IAS Additional Secretary & Financial Advisor, Department of Rural Development, Ministry of Rural Development, Krishi Bhavan, New Delhi - 110001.
15 X(i)(j) Director General, NIRD&PR (Member Secretary) 1 Dr.W.R.Reddy, IAS Director General, NIRD&PR, Rajendranagar, Hyderabad - 500030.
 

अंतिम अपडेट :