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प्रस्‍तावना

परिचय

राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एवं पीआर), केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है, जो ग्रामीण विकास और पंचायती राज में उत्कृष्टता का एक प्रमुख राष्ट्रीय केंद्र है। यूएन – एस्‍कैप उत्कृष्टता केंद्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्‍यता प्राप्‍त करके संस्‍थान ग्रामीण विकास कार्यकारियों, पीआरआई, बैंकरों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों का प्रशिक्षण, अनुसंधान और परामर्श की अंतर-संबंधित क्रियाकलापों के माध्यम से क्षमता निर्माण करता है। संस्थान तेलंगाना राज्य के ऐतिहासिक शहर हैदराबाद में स्थित है। एनआईआरडीपीआर ने 2008 में अपनी स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया। हैदराबाद में संस्‍थान का मुख्य परिसर होने के अलावा, उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गुवाहाटी, असम में पूर्वोत्तर क्षेत्रीय केंद्र भी है।

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स्‍वरूप

एनआईआरडीपीआर का दृष्टिकोण उन नीतियों और कार्यक्रमों पर प्रकाश डालना है जो ग्रामीण गरीबों को लाभ पहुँचाये तथा लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण प्रक्रिया को बल प्रदान करते है, ग्रामीण विकास कर्मियों की परिचालन दक्षता में सुधार करते हैं, अपने सामाजिक प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकी पार्क के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देते हैं और पर्यावरण जागरूकता पैदा करते हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के 'विचार-भंडार' के रूप में, एनआईआरडीपीआर ग्रामीण विकास पर ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हुए मंत्रालय को नीति निरूपण और ग्रामीण विकास में बदलते स्‍वरूप विकल्पों का चयन करने में सहायता प्रदान करता है।

मिशन

अनुसंधान, कार्य अनुसंधान, परामर्शी और प्रलेखन प्रयासों के माध्‍यम से ग्रामीण निर्धन और अन्‍य पिछड़े समूहों पर प्रकाश डालते हुए, सतत आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के आर्थिक और सामाजिक कल्‍याण के विकास को बढ़ावा देने वाले तत्‍वों का विश्‍लेषण और परीक्षण करना।

प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन कर ग्रामीण विकास से जुड़े सरकारी और गैर सरकारी अधिकारियों के ज्ञान, हुनर और प्रवृत्ति में सुधार करते हुए ग्रामीण गरीब पर विशेष जोर देते हुए ग्रामीण विकास प्रयासों को सरलीकृत करना।

उद्देश्य

एनआईआरडीपीआर के अधिदेश

  • वरिष्ठ स्तर के विकास प्रबंधकों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, बैंकरों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, सम्मेलन, संगोष्ठियों और कार्यशालाएं आयोजित करना;
  • स्वयं और/ या राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसियों के सहयोग से अनुसंधान सहायता प्रदान करना, बढ़ावा देना और समन्वय करना;
  • ग्रामीण विकास, विकेंद्रीकृत शासन, पंचायती राज और संबंधित कार्यक्रमों की योजना और कार्यान्वयन में होने वाली समस्याओं का विश्लेषण और उन पर समाधान प्रस्‍तुत करना;
  • सभी राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के कामकाज का अध्ययन;
  • ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए कार्यक्रमों की योजना और कार्यान्वयन में आनेवाली समस्याओं के निपटान के लिए विश्‍लेषण और समाधान प्रस्तावित करना;
  • तथा सूचना सामग्री विकसित करना, पत्र-पत्रिकाओं, रिपोर्टो, ई-मॉड्यूलों और अन्य प्रकाशनों के माध्यम से सूचना और प्रौद्योगिकी अंतरण का प्रचार-प्रसार करना।
 

अंतिम अपडेट :